We are proud of the positive outcomes our naturopathic treatment and experts have had on our patients. Our team is dedicated to helping each patient find the best possible treatment plan for their individual needs. We strive to provide the highest quality care to ensure our patients receive the best possible results.
मैं डिप्रेशन से बहुत परेशान था तब मुझे मेरी पत्नी ने कहा चलो केशव धाम में प्राकृतिक चिकित्सा करवाते हैं। मैं वहाँ दिनांक 8 /4/17 को गया और वहाँ डॉ० द्विवेदी जी से मिला। उन्होंने मुझे देखा तथा कहा आप चिकित्सा शुरू कीजिये, ईश्वर चाहेगा तो आप एक दम ठीक हो जायेंगे। मैने दिनांक 9/4/17 से चिकित्सा शुरू कर दी। चूंकि मैं वृन्दावन से ही हूँ इसलिए मैं प्रतिदिन अपने घर से चिकित्सालय उपचार के लिये जाता था। उपचार के दौरान मुझे वहाँ प्रतिदिन 3 घंटा समय लगता था जिसमें पेट पर गरम सेंक के बाद मिट्टी की पट्टी रखी जाती इसके पश्चात् एनीमा दिया जाता था। एनीमा के बाद मालिश के अतिरिक्त भाप स्नान, कटि स्नान, गर्म हस्त पाद स्नान, रीढ़ स्नान, जेट बाथ आदि उपचार भी अलग-अलग दिनों में दिये गये। इसके साथ ही मुझे भोजन सुधार करने की सलाह दी गयी। जिसमें उबली सब्जियाँ, फल, जूस, सूप, दलिया आदि लेने की सलाह दी गयी।
प्राकृतिक चिकित्सा के साथ ही योग चिकित्सा जिसमें प्रतिदिन जलाना, कुंजल, आसन, प्राणायाम करना शामिल है था। मुझे वहाँ पर 10 दिनों तक शिरोधारा भी दी गयी। इन सब से मुझे इतना फायदा हुआ कि मेरा डिप्रेशन 10 दिनों में एकदम चला गया और मैं बिल्कुल सामान्य (ठीक) हो गया। मैं केशव प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग संस्थान व डाक्टर साहब का बहुत आभारी हूँ।
ओम प्रकाश अग्रवाल
दुसायत मोहल्ला, वृन्दावन (मथुरा)
यदि धूप में त्वचा काली पड़ जाये तो प्राकृतिक चिकित्सा के द्वारा उसे पूर्ण रूप से ठीक किया जा सकता है, ऐसा मेरा स्वयं का अनुभव है। मेरा नाम सुदेवी है, योग में रूचि होने के कारण मैं प्रतिदिन केशव प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग संस्थान में लगने वाली योग कक्षा में जाती हूँ। मेरे एक हाथ में सनबर्न से झुर्रियां पड़ गयीं एवं त्वचा काली पड़ गयी थी। योग के दौरान एक दिन चिकित्सालय के प्रभारी डॉ. कैलाश द्विवेदी की नजर मेरे हाथ पर पड़ी, तो उन्होंने पूछ लिया- यह कैसे हुआ? मैंने उन्हें बताया कि पूरे हाथ की त्वचा कई वर्ष पूर्व काली पड़ गयी थी। डॉ. द्विवेदी ने ध्यान से देखकर मुझे प्राकृतिक उपचार लेने की सलाह दी । समयाभाव के कारण मैं तुरंत चिकित्सालय में उपचार तो नहीं प्रारंभ कर सकी परन्तु उनके बताये अनुसार हाथ पर प्रतिदिन मिट्टी का लेप शुरू कर दिया। एक सप्ताह बाद मेरा रोग 50 प्रतिशत जा चुका था। मैं आश्चर्य चकित थी उत्साहित होकर मैंने अपना उपचार चिकित्सालय में प्रारंभ कर दिया।
मैंने चिकित्सक के बताये अनुसार अपनी दिनचर्या एवं भोजन में भी परिवर्तन किया। हरी सब्जियाँ, सूप, फल, दलिया जैसे खाद्यों को अपने भोजन में शामिल कर लिया। चिकित्सालय में चिकित्सा के दौरान शरीर शोधन के विभिन्न उपचार जैसे मिट्टी की पट्टी, एनिमा, वाष्प स्नान, मड बाथ, घर्षण स्नान, मालिश आदि दिए गए जिनसे 10 दिन में न - सिर्फ मेरे हाथ का कालापन खत्म हुआ बल्कि मेरा स्वास्थ्य पहले से उन्नत हो गया। मैं केशव प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग संस्थान का आभार व्यक्त करती हूँ।
सुदेवी
बी 201, श्रीकृष्णा ग्रीन अपार्टमेंट, वृन्दावन
दिनांक 3 फरवरी 2018 को लगभग 12:30 बजे होगें। जब मैं केशव धाम से खाना खाकर वापस आया तो मुझे डॉ. कैलाश द्विवेदी जी ने अपने केबिन में बुलाया, मैं देखता हूँ कि डा. साहब के सामने लगभग 55 वर्षीय एक सज्जन बैठे हुए थे। जिन्होंने अपना नाम गजेन्द्र शर्मा बताया तथा डा. साहब के दायीं तरफ एक महिला बैठी थी जो अपना नाम उमा देवी बता रहीं थीं और मेरे बायीं ओर उनके लड़के की पत्नी महिमा जी खड़ी हुई थीं व उनका लड़का रमेश स्टूल पर अपनी रीढ़ को झुकाए हुए गर्दन नीचे करके अपनी जैकेट की जेब में हाथ देकर बैठा था और ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वो बैठे - बैठे ही सो रहा हो। इतने में डा. साहब मुझसे उसकी तरफ इशारा करके कहते हैं कि प्रदीप जी ये आपके नए पड़ोसी रमेश जी है, ये प्राकृतिक चिकित्सा लेंगे। इन्हें गाँजा, स्मेक, स्मोकिंग करने की आदत है व 100 से 150 रू. के गुटखे भी पूरे दिन में खा जाते हैं। इस कारण अब इन्हें लगभग एक वर्ष से दौरे भी आने लगे हैं जिनका इलाज इन्होंने एस.पी. सिंह आगरा, बृज चिकित्सा संस्थान मथुरा, अपोलो व एम्स जैसे बड़े हॉस्पिटलों में कराया लेकिन कोई स्थायी लाभ नहीं हुआ है इतनी बात करने के बाद हमने उन्हें उनका कमरा दिखाया और दूसरे दिन से डा. साहब के निर्देशानुसार हम लोगों ने सुबह और शाम को प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग आसन, ध्यान, प्राणायाम आदि चिकित्सा प्रदीप कुमार, उपचारक केशव प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग संस्थान केशवधाम वृन्दावन देने लगे। जिससे अब वे पूरी तरह ठीक है और नेचुरोपैथी से इतने प्रभावित हैं कि अब खुद प्राकृतिक चिकित्सक का कोर्स कर रहे हैं और अपनी पत्नी को भी करा रहे हैं। इस इलाज से खुश होकर उनकी पत्नी कहती हैं थैंक्स नेचुरापैथी ।
प्रदीप सिंह
प्राकृतिक चिकित्सा लेने का मुझे सुअवसर प्राप्त हुआ है। प्राकृतिक चिकित्सा के सिद्धान्त अत्यन्त उपयोगी हैं। यहाँ डा. द्विवेदी सर एवं सभी योग शिक्षक, काशीराम आदि बहुत ही सहयोगी एवं मिलनसार है। मुझे इस चिकित्सा से आशातीत लाभ प्राप्त हुआ, मेरी पेट की समस्या समाप्त हो गयी है। एसीडिटी आदि पूरी तरह से ठीक हो गयी है।
हम इस चिकित्सालय को साधुवाद देते हैं एवं इसकी सफलता के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।
राकेश यादव
पुलिस उपाधीक्षक, मथुरा
मैं विष्णु कुमार उम्र 38 वर्ष दिनभर में लगभग पचास-साठ रूपए का गुटखा मसाला खा जाता था। मैं रंगाई का काम करता हूँ। डॉ. शोभा अग्रवाल माता जी के यहाँ रंगाई का काम करने आया था। माता जी ने मुझे सौंफ खाने के लिए दी और मुझे समझाया कि पान मसाले की जगह कुछ दिन तक सौंफ खाओ धीरे-धीरे आदत छूट जाएगी । पान मसाला के अगर दस पैकेट एक दिन में खाते हो तो पाँच पैकेट खाओ। इस तरह धीरे-धीरे एक दिन यह आदत छूट जाएगी। मैंने माता जी की बात मानी पान मसाले के पैकेट कम करके उसकी जगह सौंफ खाने लगा। धीरे-धीरे पान मसाला खाना एकदम बन्द हो गया। अब सौंफ चबाने की आदत भी बन्द हो गई। कुल मिलाकर एक महीने के अभ्यास में ही गुटका मसाला खाना छूट गया। इससे मुझे कई फायदे हुए मुझे शरीर में हल्कापन लगने लगा। सेहत ठीक रहती है व काम में अधिक मन लगता है। पहले भूख कम लगती थी। अब ठीक से लगती है। पहले मुँह में छाले पड़ जाते थे, अब नहीं पड़ते हैं।
डॉ. कमल कौशिक (डी.लिट्)
प्रधानाचार्य इन्टर कॉलेज, गोकुल
प्राकृतिक चिकित्सा विषयक अनेक पुस्तकों का अध्ययन मेरे द्वारा किया गया है तथा कई प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्रों के अवलोकन का अनुभव भी रहा है। केशव प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र कई संदर्भों में दूसरों से भिन्न है यहाँ के चिकित्साधीक्षक डॉ. कैलाश द्विवेदी, उपचारक काशीराम सहित समस्त स्टाफ का भाव आये हुये व्यक्ति के लिये परिवार सम रहता है। अन्य दूसरी बात जब आज प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्रों का समग्र व्यवसायीकरण हो चुका है ऐसे में केशव प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग संस्थान ने अल्प धनराशि में समाज को रोग मुक्त बनाने का जो भागीरथ प्रयास किया है वह प्रशंसनीय है। प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र का स्वच्छ प्राकृतिक हरीतिमा युक्त परिसर आरोग्य के आलम्बन प्रदान करता है। मुझे दस दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा लेने का सौभाग्य इस केन्द्र पर प्राप्त हुआ। इस दस दिवसीय कार्यक्रम में अपने को रोगमुक्त अनुभूत करने के साथ-साथ जीवन के प्रति एक नया दृष्टिकोण अनुभूत कर रहा हूँ। प्रातः योग और प्राणायाम के द्वारा स्फूर्तता प्रदान की जाती है, जो शारीरिक और मानसिक बल प्रदान करती है। गर्म सिकाई मिट्टी पट्टी के द्वारा पेट की आन्तरिक स्वच्छता का कार्य किया जाता है। तदोपरान्त एनिमा के द्वारा आन्त्रशोधन का कार्य सम्पन्न होता है। मालिश के द्वारा शरीर को नवचतना प्रदान करने का कार्य होता है। तदोपरान्त रोगी की आवश्यकतानुसार कटि स्नान, वाष्प स्नान आदि सम्पन्न होता है। शिरोधारा में तेलीय चिकित्सा के द्वारा अंतःस्रावी तंत्र को सक्रिय करने के साथ-साथ मानसिक आरोग्य भी मिलता है।
मैं. राघव दास निवासी 125 चैतन्य विहार प्रथम चरण का रहने वाला हूँ। मुझे एक साल पहले भी प्राकृतिक चिकित्सा का सुअवसर प्राप्त हुआ था। मुझे सर्दी-जुकाम आदि की शिकायत कुछ ज्यादा ही रहती है। यहाँ पर आने से प्राकृतिक चिकित्सा में पेट पर मिट्टी की पट्टी, एनिमा, पैर का गर्म स्नान, वाष्प स्नान, कटि स्नान, मालिश आदि उपचारों से तुरन्त लाभ मिल जाता है तथा साथ ही अन्य शारीरिक समस्याओं में भी फायदा मिलता है। मैं इस संस्था का बहुत ही आभारी रहूंगा। धन्यवाद !
राघव दास
चैतन्य विहार, वृंदावन
मै. बी. सी. गुप्ता (रिटायर्ड विकास अधिकारी, एल.आई.सी.), बी.एस. ए. कॉलेज के 25/252 कृष्ण बिहार, मथुरा का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 69 वर्ष है काफी समय से मेरा थायराइड ( TSH ) बढ़ा हुआ था और विटामिन बी-12, विटामिन डी की कमी रहती थी।
मैं केशव धाम, वृन्दावन में प्राकृतिक चिकित्सालय में अपना इलाज कराने चला गया, मैंने लगभग 35 दिन डॉ. कैलाश द्विवेदी जी (प्राकृतिक चिकित्सक) के निर्देशन में अपना उपचार कराया। जिसमें प्रतिदिन सुबह योग-प्राणायाम के बाद प्राकृतिक काढ़ा, पेट पर ठण्डी मिट्टी की पट्टी, एनिमा, वाष्प स्नान, ठण्डा-गर्म कटि स्नान, गर्म हाथ-पैर का सेक, सम्पूर्ण मिट्टी स्नान दिये जाते थे। मेरा नियमित खान-पान में भी सुधार किया गया जिसमें हरी सब्जी, फल, गेहूँ का दलिया, सलाद, अंकुरित आदि को भोजन और जलपान के साथ जोड़ा गया।
35 दिन उपचार के बाद काफी सुधार हुआ और मेरा थायराइड, बी-12, विटामिन-डी बिना किसी दवाई के सामान्य हो गया। जिसकी मैंने चिकित्सा पूर्व एवं पश्चात जाँच भी कराई थी। मैं केशव प्राकृतिक चिकित्सालय के डॉ. कैलाश द्विवेदी, काशीराम (उपचारक) एवं समस्त स्टाफ का आभारी रहूँगा । यहाँ सभी बहुत ही व्यवहारिक और पूरी मेहनत से प्रेमपूर्वक कार्य करते हैं।
भीकचन्द गुप्ता
25/252 कृष्ण बिहार, मथुरा
मैं श्यामवीर सिंह चौधरी ग्रा. +पो. बल्टीकरी मथुरा का रहने वाला हूँ । मैने प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से अपने 25 वर्ष पुराने पेट रोग, गैस, एसिडिटी को मात्र 5 दिन की प्राकृतिक चिकित्सा लेकर पूरी तरह से ठीक किया है। मैं डॉ. कैलाश द्विवेदी जी व उनकी पूरी टीम का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ और उनके द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से हॉस्पिटल में बहुत लम्बे समय तक सेवा हम सबको मिलती रहे ऐसी भगवान से प्रार्थना करता हूँ। डा. कैलाश द्विवेदी जी का स्वभाव सरल, सहज व्यवहार सभी प्राकृतिक चिकित्सा लेने वाले मरीजों पर एक बहुत अच्छे टॉनिक का कार्य करता हैं इनका व्यवहार बिल्कुल अपने परिवार के सदस्य की भाँति होता है।
श्यामवीर सिंह
बल्टीकरी, मथुरा
सादर प्रणाम
मैं श्री यशवंत तुकाराम देवर्डे, उम्र 66 वर्ष, जिला- कोल्हापूर महाराष्ट्र से हूँ। मई 2011 मे मेरी हार्ट सर्जरी हुई है, सर्जरी के बाद डाक्टर द्वारा दी गई दवाईयाँ और डाइट मैं बराबर लेता था, लेकिन फिर दुबारा मुझे हार्ट कि तकलीफ होने लगी, तो दोबारा में हॉस्पीटल मे गया, फिर डॉक्टर ने मेरा चेकअप किया और मेरी एन्जियोप्लास्टी कराई। उसके बाद भी 2-3 बार फिर तकलीफ (Small Heart Attack) के कारण हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा। बार-बार मुझे ये तकलीफ होती रही, मैं ज्यादा चल नही सकता था। डाक्टर का कहना था है कि Small Vence होने के कारण इसका कोई इलाज नही, उसी दौरान मैंने यूटूब पर केशव प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग संस्थान के विषय में जाना। यू-ट्यूब पर आपके व्याख्यान भी सुने। चूंकि मैं तुरन्त वृन्दावन आने में असमर्थ था, तो मैंने आपके बताये अनुसार अपनी दिनचर्या रखी उससे मुझे बहुत फर्क पड़ा अब मेरा बी.पी. और शुगर नॉर्मल रहता है। मैंने जो दिनचर्या अपनाई वह नीचे लिख रहा हूँ।
मैं रोज सुबह 4.30 बजे उठता हूँ और कपड़े कि गीली पट्टी पेट, गला और सर पर लपेट लेता हूँ, और 5 से 7 बजे तक टहलता हूँ।
7 बजे साधारण पानी से एनिमा लेता हूँ।
7.30 बजे गरम पानी बाल्टी मे लेकर उसमें 20 मिनट पैर रखता हूँ और फिर नहाता हूँ। 4. सुबह 8.30 बजे नाश्ते मे पपीता /केले उसके ऊपर पपीता बीज कि पाउडर और संतरे के छिलके का पाउडर
छिड़क के खाता हूँ।
खाना 11.30 बजे सभी प्रकार के फल और सब्जी का सलाद लेता हूँ।
12 से 1 बजे तक डीप फ्रीज कि हुई नाप्किन पेट पर रखता हूँ।
1 बजे से 3 बजे तक गीला बनियान पहनकर टहलता हूँ।
5 बजे कुलथी (Horsegram) का सूप पीता और डीप फ्रीज कि हुई नाकिन पेट पर रखता हूँ। 9. शाम का खाना 7.30 बजे केले/ तरबूज / उबाली हुई पालक की सब्जी लेता हूँ।
रात के खाने के बाद 1 घंटा टहलता हूँ।
मैं केशव प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग संस्थान एवं डॉ. कैलाश द्विवेदी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ ।
धन्यवाद !
यशवंत तुकाराम देवर्डे
कोल्हापूर महाराष्ट्र
केशव धाम प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र में सात दिवसीय शिविर में गाजियाबाद से आकर के अटैंड किया। मुझे हार्ट प्राब्लम 5 बार हो चुकी है पिछले 15 सालों में और डाइबिटीज बहुत भयंकर रहती है। बहुत ही अच्छा व्यवहार यहाँ सभी का और बहुत अच्छे ढंग से सभी क्रियायें, आसन प्राणायाम सब कराये गये, जिसका प्रत्यक्ष मेरे शरीर पर जो असर पड़ा कि रात में मुझे 2-3 बार टॉयलेट के लिये उठना पड़ता था। उससे नींद भी डिस्टर्व होती थी और नींद न पूरी होने के कारण दिन में कार्य करने में असुविधा होती थी। यहाँ पर मैंने दूसरे ही दिन से मुझे एक भी दिन रात को उठना नही पड़ा। सोने के बाद सुबह ही उठा हूँ तो उससे बहुत आराम मिला है और डाइबिटीज मैंने परसों चेक की 152 आई खाना खाने के 2 घंटे के बाद ऐसा अभी तक पिछले 5-7 सालों में नहीं हुआ जो इतनी अच्छी डाइबिटीज मेरी आई हो इन्सुलिन लेने के बाद। जबकि मैं इन्सुलिन भी नहीं ले रहा हूँ इस समय, यहाँ लाया नहीं हूँ। तो मैं समझता हूँ कि यह सब प्राकृतिक चिकित्सा, प्राणायाम, आहार-विहार जो खाने का है इन्हीं सब का प्रत्यक्ष फर्क पड़ा है। हार्ट का तो बाद में पता चलेगा लेकिन डाइबिटीज पर बहुत फर्क पड़ा है और उससे मैं समझता हूँ हार्ट भी संभवत ठीक ही रहेगा, ऐसा मेरा मानना है। मा. केशव धाम प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र की समिति से, डॉ. साहब से मेरा यह कहना है कि इसको और बढ़ायें ठाकुर जी की कृपा से ऐसा प्रभु से मेरी कामना है। इस बात के साथ धन्यवाद !
केशव धाम के विषय में यदि सूक्ष्म में कहा जाय तो एक जीवन दायिनी अनुभव हुआ मुझे। साथ ही इसका पछतावा भी हुआ कि पहले कभी प्राकृतिक चिकित्सा का अनुभव क्यों नहीं लिया। निसंदेह केशवधाम अत्यंत nकम शुल्क में बहुत ही उपयोगी सेवायें दे रहा है। हम सब, विशेषकर मेरी यह महती सद्च्छा है कि यह संस्थान चहुँ और तरक्की करे। अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।
प्रदीप जी
नोयडा
मैं सीमा दासी गौर, आपसे कुछ अपने जीवन के अनुभव बांटना चाहती हूँ। मैंने कभी प्राकृतिक चिकित्सा नहीं की थी, मुझे भरोसा नहीं था, मैं अपने शारीरिक रोगों से परेशान होकर पूर्णत: टूट चुकी थी। मेरे पति ने मुझे बहुत समझाया, बताया कि मैंने केशव प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान में इलाज करवाया है। बहुत सुन्दर व्यवस्था है। एक परिवार की तरह देख-रेख एवं चिकित्सा प्रदान करते है। पूरा अपना पन महसूस होता है। कम से कम पन्द्रह दिनों तक रहना है, इसके बाद लाभ महसूस होने लगता है।
मेरा एक पैर से चलना फिरना पूर्ण रूप से बन्द हो गया, असहनीय दर्द के कारण मैं लाचार हो गयी मुझे लगने लगा शायद अब जीवन समाप्त ही हो जायेगा। मैंने अपनी इच्छानुसार कई MBBS, MD डॉक्टरों को दिखाया, दवा लिया मगर थोड़ा लाभ मिलता, दवा समाप्त होते ही पुनः दोगुना दर्द और कष्ट महसूस होने लगता। ऐसे लगा जैसे जीवन ही समाप्त हो गया। मैंने सोचा जीवन में एक बार प्राकृतिक चिकित्सा का अनुभव लेकर देखते हैं। शायद जीवन दुबारा मिल जाये।
मेरी सोच बिल्कुल ठीक थी मैंने केशव धाम वृन्दावन स्थित केशव प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग संस्थान जॉइन कर लिया। मेरे जीवन में जैसे चमत्कार हो गया। मैं दिन-प्रतिदिन अच्छा महसूस करने लगी। अब ऐसा लगता है कि हर तीन महीने में दस दिनों की चिकित्सा जरूर ले लिया करूंगी। क्योंकि ये समझ आ गया है कि ये प्राकृतिक चिकित्सा एक जीवन पद्धति की तरह है। जिसे स्वस्थ व्यक्ति भी लेकर हमेशा स्वस्थ रह सकता है। मैंने अपने जीवन में इतना अपनापन कभी नहीं देखा।
मैं विशेष आभार डॉ. कैलाश द्विवेदी जी को देना चाहूँगी, उन्होंने पूरा ख्याल रखा, पूरी गाइडेन्स के साथ इलाज दिया, मैं उनकी हमेशा आभारी रहूँगी। मीरा, आरती और अंजली ने भी मेरा बहुत ख्याल रखा बहुत ही सुन्दर चिकित्सा प्रदान की। मैं सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहती हूँ।
मेरे जीवन में नई उमंग जीने की चाह जागृत हो गयी । योग शिक्षक काशीराम को धन्यवाद उन्होंने हर तरह से ख्याल रखा कौन सा योग मुझे करना है कौन सा नहीं, पूर्णरूप से गाइड किया इनका बहुत-बहुत आभार ।
विशेष- मैं रात-रात भर रोती रहती थी, नींद भी नहीं आती थी, अब मेरा दर्द बिल्कुल ठीक है, नई उमंग के साथ इस परिवार को कभी नहीं भुला पाऊंगी मैं।
राधे-राधे
सीमा दासी गौर
125, चैतन्य विहार, फेस-1 वृन्दावन
केशवधाम प्राकृतिक चिकित्सालय, वृन्दावन द्वारा संचालित एक सप्ताह के शिविर में गत वर्ष जुलाई माह में भाग लिया था। मुझे गैस संचयन के कारण कब्ज की शिकायत रहती थी वह तो ठीक हुई, इसके साथ जो मेरी नेत्र दृष्टि में जो सुधार हुआ, वह लाभ चमत्कारिक है। मैं बिना चश्मे के कोई लिखने-पढ़ने का कार्य नहीं कर पाता था, किन्तु अब बिना चश्मे के ही सब कार्य हो रहे हैं। मेरी नेत्र ज्योति में सुधार, चिकित्सालय में प्रतिदिन सुबह दी जाने वाली "आई वॉश " चिकित्सा से हुआ, बिना किसी बाहरी या आन्तरिक दवाई के ये एक प्रकार का नेत्र शोधन है जो मैंने पहली बार ही किया था, अब भी सामयिक रूप से करता हूँ। चिकित्सालय की सेवाएं, व्यवहार व प्रबन्ध अति प्रशंसनीय है।
डॉ. एम. आर. गोयल
होम्योपैथिक फिजीशियन, गाजियाबाद
नमस्कार।
मैंने सपत्नीक और विशिष्ट मित्रों के साथ केशवधाम चिकित्सा शिविर में मार्च-२३ के अंतिम सप्ताह का सत्र श्रद्धेय डाक्टर द्विवेदी जी के निरीक्षण में किया था। उम्रजनित कई समस्याओं के साथ एक बहुत विचित्र समस्या से ग्रस्त रहा था मैं। मुझे सूर्य भगवान की सबेरे की धूप से लेकर सायं काल तक की धूप जहां भी शरीर में पड़ती वहां हल्के चुनचुनाहट से शुरू हो कर भारी खुजली हो जाया करती थी। मैं बेचैन हो उठता था। अच्छे डॉक्टर कहते कि ये सनरेज की एलर्जी हो गई है और तरह तरह की क्रीम, दवाएं और बचाव की लिस्ट सुनाते रहते थे। परन्तु कभी भी निदान नहीं हो पाया। शिविर में मैंने सब तकलीफ़ों को वहां पर बताया और डॉ साहब ने सटीक उपचार किया जिससे मुझे बहुत फायदा हुआ है परन्तु धूप के कष्ट को कभी भी इसलिए नहीं बताया डाक्टर द्विवेदी जी को क्योंकि मैं खुद मानता आया था कि ये सन-एलर्जी ही है जिसमें मुझे धूप में से बचना ही होगा। शिविर सत्र उपरांत भारी धूप में आज कल चलता हूं और तब महसूस हुआ कि चुनचुनाहट तो गायब हो गई है। समझ गया कि प्राकृतिक तत्वों के रोग ग्रस्त शरीर अवयवों में विशेष उपायों द्वारा बहुत दक्ष और विशद अनुभवी डाक्टर द्विवेदी जी ने अनजाने में लाभ पहुंचाया है। इसे मैं अद्भुत प्रयोग कहूंगा कि शिविर के बाद आज तक लगभग रोज ही भारी धूप में निकलते रहने से भी कोई भी चुनचुनाहट शरीर में नहीं महसूस किया है।
मैंने ७३ वर्षों की उम्र में पहली बार १५ वर्ष पुरानी प्रोस्टेट ग्रंथि वृद्धि , मानसिक एंग्जाइटी, अनिद्रा, बीस साल से जूझते कब्ज की समस्या और Sunrays से प्रभावित skin allergy में मार्च अंतिम सप्ताह में छः दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर में आपके सानिध्य में हुई कायाकल्प जीवनशैली परिवर्तन और बाद में उसका नियमित अनुकरण आमूलचूल बदलाव लाया है। मैं बता रहा हूं कि यह शरीर और मन का शोधन एक पुनर्नवीकरण का अनुभव है । डाक्टर द्विवेदी जी का सद्व्यवहार वंदनीय है क्योंकि वे पूरी सहृदयता से फोन पर भी किसी भी तकलीफ़ का समाधान बताते रहते हैं जो संभवतः लोकसेवा का अनूठा उदाहरण है। मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।
ये अनुभव इसलिए साझा कर रहा हूं कि असाध्य बन गये रोगों को प्राकृतिक चिकित्सा निश्चित रूप से जाने अनजाने फायदा पहुंचाएगी।
सबको सादर प्रणाम
SK Shukla
Sector 62 Noida Uttar Pradesh
"Experience of seven days Prakritik Chikitsa Shivir" Namaskar, to all the readers and Pranam to Dr. Kailash ji My experience in this 7 days camp was enlightening for my knowledge and rejuvenating for my body and soul. I am very much interested in the gaining of knowledge for our traditional ayurvedic gyan but I never found any proper person to have this much of knowledge and practical experience of this knowledge.
Earlier, I always used to think that, this knowledge is something magical whoever keeps it, he just enjoys it, but rarely spreads it. Medical benefits of this gyan are just the tip of the ice berg. The real benefit is of your soul the difference you can feel in your body and soul is from the yog. I just feel that there should be some way of spreading this knowledge in the whole world and bringing the human life to its real ultimate level, spiritually and physically.
Now, about the team of this Shivir, all the people are very good and trained in their fields. this place shows quality of a good captain with the best performing team.
Thanks to the whole Team.
Karan Nagpal
Delhi
मैं अपनी पत्नी के साथ प्रथम बार वृन्दावन के , केशवधाम में शिविर में सम्मिलित हुआ। जिसमें उपचार और योग प्राणायाम के दौरान कई नयी चीजे सीखने को मिली और इलाज के दौरान कई तरह के लाभ भी हुये और शरीर काफी हल्का हो गया। दवाईयाँ शिविर के दौरान एकदम बंद कर दी तो भी उच्च रक्तचाप नियमित रहा साथ ही वजन भी कम हुआ। पाचन क्रिया सुदृढ हुई और आँखों में जो शाम होते ही सूजन महसूस होती थी और आँखें छोटी हो जाती थी, वह भी इलाज के दौरान ठीक रहीं। भूख भी कम लगने से खाने पर भी नियंत्रण रहा। कुछ भी अतिरक्ति लेने की आवश्यकता नहीं महसूस हुई यहाँ के डॉ. साहब और बाकी कार्यकर्ताओं का व्यवहार भी काफी मृदु और सहयोगी हैं। मैं प्रभावित हूँ और पुनः जल्दी ही आने का कार्यक्रम बना रहा हूँ। एक हफ्ते का वृन्दावन का वास स्वभाविक मिल गया।
मनमोहन जाजोदिया
गोरखपुर
मुझे केशवधाम प्राकृतिक चिकित्सालय में सात दिवसीय कैम्प में सम्मिलित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मुझे एसिडिटी गैस, बी. पी. की परेशानी थी। मुझे पेशाब भी कम होता था यहाँ आकर मेरा बी. पी. ठीक हो गया, पेशाब की परेशानी भी ठीक हो गई है और एसिडिटी और गैस की परेशानी भी धीरे-धीरे ठीक हो जाएगी। ऐसी आशा है। यहाँ डॉ. साहब ने आहार, विहार और विचार के बारे में बहुत उपयोगी जानकारी दी। उसे हम अपने दैनिक जीवन में उपयोग में लाएं तो बहुत लाभ होंगे । यहाँ आकर हमें बहुत अच्छा लगा और यहाँ का स्टॉफ भी बहुत अच्छा और मिलनसार है।
प्रियंका तायल
आगरा
केशव प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग संस्थान में सात दिवसीय चिकित्सा में शामिल हुआ हूँ। मेरे अनुभव से यहाँ जो चिकित्सा की जा रही है, वह आज कोविड के समय में अत्यंत लाभकारी है। यहाँ पर विभिन्न प्रकार के योगा, व्यायाम अनेक प्रकार की चिकित्सा मिट्टी पट्टी, हिप बाथ, मड बाथ, कटि स्नान, गर्म पाद स्नान, भाप स्नान, सिरोधारा, तेल मालिस आदि अनेक प्रकार की चिकित्सा की जाती है। इससे मुझे बहुत प्रकार का लाभ प्राप्त हुआ है। जिसका शब्दों में वर्णन करना कठिन है। यहाँ का स्टाफ हर प्रकार से बहुत सहायक है और इस संस्था के डॉक्टर साहब भी बहुत सहायक हैं। हर प्रकार से सबका ध्यान रखते हैं।
नरेश गोयल
पंचशील पार्क, साहिबाबाद
मैंने 23 जुलाई से 30 जुलाई तक 7 दिन का चिकित्सा शिविर मैं भाग लिया। जब मैं शिविर में पहले दिन पहुंचा तब मेरी शुगर Fasting 199 थी वहां डॉक्टर साहब की सलाह एवं चिकित्सा पद्धति के प्रभाव से शिविर के चौथे दिन ही मेरी शुगर फास्टिंग 125 आ गई थी जबकि मुझे ब्रेकफास्ट में आम और केला भी दिया जा रहा था उस दौरान मेरी दवाईयां भी बंद करा दी गई थी शिविर के बाद घर आने के उपरांत मैं डॉक्टर साहब द्वारा बताए हुए डाइट प्लान एवं योगासन को कर रहा हूं आज मैंने अपनी शुगर फास्टिंग टेस्ट की तो 100 आई है। मैं डॉक्टर साहब का एवं वहां के सभी स्टाफ मेंबर्स काशीराम जी आदि का दिल से बहुत बहुत आभार व्यक्त करता हूं कि जिन्होंने मुझे यह चिकित्सा पद्धति का रास्ता दिखाया जिससे मुझे बहुत ही आराम एवं सकून मिला और भगवान से यही कामना करता हूं कि अब इसी रास्ते पर मैं आगे बढ़ता चला जाऊं।
मनोज जैन
आगरा
प्रिय डा० साहब एवम् यहां के सारे Staff का दिल से शुक्रिया अदा करते हैं। जिन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग से हमारे शरीर को शुद्धि करवाई, मैं और मेरे Hubby जब से यहाँ पर आये हैं, तबसे हमने ये अनुभव किया कि यहाँ पर मन को बहुत अच्छे तरीके से शान्त रखा जाता है। प्राकृतिक चिकित्सा और योग व योग निद्रा के द्वारा हम समस्त प्रकार की बीमारियों को ठीक कर सकते हैं और हमारे अन्दर एक (नई सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ है। जो कि हमें अपनी स्थिति के अनुसार ढलना सिखा सकती है। यहां हर तरह से शान्ति का अनुभव होता है। यहां का Staff बहुत स्नेहप्रिय है। खासकर काशीराम भईया, प्रेमशंकर भईया जी, आरती दीदी और भी अन्य Staff बहुत अच्छे हैं, यहां पर आकर एक Family की तरह सबने Treat किया। डा साहब भी बहुत अच्छे हैं और बहुत अच्छे से चिकित्सा के बारे में बताते हैं कि हम घर पर भी अपने आपको कैसे स्वस्थ रख सकते हैं। भगवान सबको खुश रखें। सबको तहदिल से शुक्रिया।
अमिता ठाकुर
हिमाचल
जब मैं यहाँ आई थी तो मेरे पतिदेव की हालत अच्छी नहीं थी आँखों की रोशनी कम होने से वह Depression के शिकार थे और सारा दिन लगभग सोये रहते थे। यहां आकर तो जैसे उनको नया जीवन मिल गया और वह अब पहले की तरह बोलना और सब करते हैं। वह बिल्कुल ठीक है एक सप्ताह का शिविर Attend किया। डा० साहब बड़े शान्त प्रिय अच्छे और उनका समझाने का तरीका काबिले तारीफ है और सबको हंसकर हर Question का जबाव देते हैं। हमें यह सब बहुत अच्छा लगा। प्रिय आरती, प्रिय प्रेमशंकर जी, प्रिय काशीराम ने बहुत सहयोग किया। हम बहुत सन्तुष्ट हैं।
श्रीमती श्यामा नागपाल
दिल्ली
मैं, डॉ. श्री कैलाश द्विवेदी का विशेष धन्यवाद देना चाहती हूँ। डॉ. कैलाश द्विवेदी ने बहुत ही मनोयोग से हम सभी की समस्याओं को सुना और उतनी ही गम्भीरता से उनका समाधान दिया। उनके इस निःस्वार्थ भाव को हमने अनुभव किया जिसके लिये वह साधुवाद के पात्र हैं। असीम शुभकामनाओं के साथ।
ज्योत्सना शर्मा
जिला जज, कासगंज
मेरे जीवन में यह दूसरा शिविर था प्राकृतिक चिकित्सा का यहाँ रहने वाले सभी बन्धुओं का स्वभाव आत्मीय था यहाँ अच्छा ही नहीं अपितु बहुत अच्छा लगा समिति तथा काशीराम जी, प्रेम शंकर जी, अभिषेक जी, रवि जी के साथ-साथ उन सभी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष जिनका भी सहयोग रहा है उनका धन्यवाद। विशेष रूप से डॉ. कैलाश द्विवेदी जी और हम सबके मार्गदर्शक श्रीमान ललित जी भाई साहब का बार-बार धन्यवाद ।
सुधांशु विश्नोई (एड.)
153, आवास विकास कालोनी, अमरोहा, उ.प्र.
सर्वप्रथम मैं (प्रमोद चौहान, निवासी नोएडा) सभी आयोजकों को धन्यवाद देता हूँ क्योंकि जो मुझे शिविर से लाभ (शारीरिक व मानसिक) मिला है। मेरा वजन भी कम हुआ है और शरीर में सुख की आन्तरिक अनुभूति प्राप्त हुयी है।
पुनः आरंभ सह धन्यवाद।
प्रमोद चौहान
ग्रेटर नोएडा